गरीबों को बीपीएल कार्ड तो किसानों को खाद व सिंचाई की विशेष योजनाएं बनायी
अनूप पटेल, लखनऊ
आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का परिनिर्वाण दिवस है। वीपी सिंह ने अपने कार्यकाल में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति-किसान के जीवन में बदलाव करने के लिए ठोस कदम उठाया। लौह पुरुष सरदार पटेल ने भारतीय राज्य का निर्माण किया तो बाबा साहेब ने देश को संविधान दिया और देश के ST/SC को वाजिब प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करके गए। वहीं वीपी सिंह ने देश के सबसे बड़े आबादी समूह OBC को सामाजिक- शैक्षणिक क्षेत्र में ‘विशेष अवसर’ दिया। ।
वीपी सिंह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वीपी सिंह का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल 1 वर्ष से भी कम रहा, लेकिन उनका एक साल पूर्व के 40 सालों से बीस साबित हुआ। सिंह साहब ने मंडल कमीशन को लागू किया। बाबा साहेब, अम्बेडकर और नेल्सन मंडेला को भारत रत्न दिया गया। गरीबों को बीपीएल कार्ड देने की शुरुआत की गयी। मोहम्मद साहब के जन्मदिन का राष्ट्रीय अवकाश घोषित हुआ। किसानों के लिये खाद और सिंचाई के लिये विशेष योजनायें बनी। जब वो प्रधानमंत्री नहीं भी रहे तो भी किसानों के लिये लड़ाई लड़ते रहे और किसान मंच के माध्यम से दादरी संघर्ष बहुत व्यापक रहा।
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वीपी सिंह वास्तव में एक दार्शनिक राजा हुये। छत्रपति शाहू जी महाराज की भाँति सिंह साहब ने भी राजपरिवार में जन्म लिया था, लेकिन उन्होंने गरीब-पिछड़े समाज के दर्द को पहचाना और एक फ़कीर की भांति इन वर्गों की सेवा की।
आज मण्डल कमीशन के बाद OBC समुदाय राजनैतिक रूप से काफी सबल हुआ है लेकिन अफ़सोस होता है कि अपने पुरखे तक को याद नहीं कर पा रहा है। जो समाज इतिहास की कद्र नहीं करता उसका कोई भविष्य नहीं होता।
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एक बात और, फेसबुक में आज जिस किसी की प्रोफाइल में वीपी सिंह की फोटो या पोस्ट दिख रही है वो ज्यादातर OBC समुदाय के लोग ही हैं, यानि अन्य वर्ग वीपी सिंह को आज भी स्वीकार नहीं पाए है। ऐसे कैसे चलेगा भाई !
(लेखक उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता हैं)