सीएम के गृह जनपद में बिजली बिल की वसूली के लिए अजीबो-गरीब फरमान
गोरखपुर, 17 सितंबर
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में कुछ अलग ढंग से बिजली बिल का बकाया वसूलने का फरमान जारी किया गया है। गोरखपुर के डीएम के.विजयेंद्र पांडियन ने आदेश जारी किया है कि यदि आपने समय से बिजली का बिल जमा नहीं किया तो एक अक्टूबर से आपकी जाति, आय, जन्म-मृत्यु जैसे महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र नहीं बनेंगे। आपको इन महत्वपूर्ण प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए अगले महीने से बिजली का बिल जमा करने की रसीद साथ में लेकर जाना होगा।
डीएम की अजीबोगरीब दलील:
डीएम ने दलील दी है कि धनाभाव में आपातकालीन बिजली कटौती होती है। अत: नगदी की समस्या दूर करने के लिए बिजली उपभोक्ताओं को बिल जमा कराने के लिए सख्त कदम उठाया गया है। शासकीय सेवाओं के लिए आवेदक को साथ जमा बिजली बिल की रसीद भी लानी होगी।
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इन सरकारी कार्यों में दिखानी होगी बिजली बिल की जमा रसीद:
जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र, खतौनी की कॉपी
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, कुटुंब रजिस्टर की नकल
लाउड स्पीकर के प्रयोग की अनुमति
गृहकर एवं जलकर जमा करने के दौरान
संपत्तियों के दाखिल-खारिज के दौरान
पासपोर्ट, पैन कार्ड, पीएम आवास योजना, शस्त्र लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण, खनन के पट्टे, आबकारी लाइसेंस, स्टांप लाइसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन इत्यादि।
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ओमप्रकाश राजभर ने जताई नाराजगी:
कुछ समय पूर्व भाजपा की सहयोगी रही सुहलदेव भारत समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने प्रशासन के इस रवैये की निंदा की है। उन्होंने कहा है, “बिजली का बिल बकाया होने पर गरीबों, दलितों, पिछड़ों को जाति-आय का प्रमाण पत्र न जारी करने वाले अफसर सरकारी दफ्तरों में बैठना कब छोड़ेंगे, जिन पर 11 हजार करोड़ बिजली का बकाया है। इनका बकाया बिल कौन वसूलेगा मीटर लग गया, बिजली नहीं पहुंची, बिल आ गया, इसका जिम्मेदार कौन होगा ?”