राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के नोटिस जारी करने के बावजूद आरक्षित वर्ग के छात्रों को न्याय के लिए 5 महीने करना पड़ा आंदोलन
लखनऊ, 24 दिसंबर
उत्तर प्रदेश सरकार ने 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगती को दूर करने के लिए शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को तत्काल आदेश दिया है। आदेश को शुक्रवार को ही लागू कर दिया गया। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की चयन सूची 28 दिसंबर तैयार कर ली जाएगी एवं 29 दिसंबर को सूची की समीक्षा की जाएगी और 30 दिसंबर को इसे वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। तत्पश्चात जिला स्तर पर अभिलेखों की जांच 3 जनवरी से 5 जनवरी के बीच की जाएगी एवं 6 जनवरी को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाएगा।

17 हजार पदों पर नई भर्ती होगी:
यूपी सरकार ने सूचना जारी कर कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के तहत 137000 पदों पर दो चरणों (68500 एवं 69000) में की गई चयन प्रक्रिया के उपरांत रिक्त लगभग 17 हजार पदों पर नयी भर्ती की जाएगी।

इस फैसले पर पिछले 5 महीने से धरना दे रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र बाहुबली ने संघर्षरत सभी अभ्यर्थियों एवं सामाजिक संगठनों के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया है। बता दें कि न्याय की मांग को लेकर इन छात्रों ने न केवल धरना दिया, बल्कि भूख हड़ताल भी किया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर न्याय की गुहार लगाने आए इन अभ्यर्थियों को लाठियों से पीटा गया। इस घटना में कई छात्रों को चोटें भी आई थीं।
भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इस मुद्दे को पिछले डेढ़ साल से निरंतर उठा रही थीं। उन्होंने इस ज्वलंत मामले के निदान के लिए पार्टी की हर जनसभा से लेकर मीडिया के हर फोरम एवं संसद में भी प्रमुखता से उठाया। उनके अलावा सीतापुर सदर से भाजपा के तत्कालीन विधायक राकेश राठौर ने भी इस मामले में आवाज उठायी थी।

विपक्ष के ये नेता भी आंदोलन का करते रहे समर्थन:
आरक्षित वर्ग के छात्रों के समर्थन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद रावण ने मजबूती से उठाया। चंद्रशेखर आजाद तो बार-बार इन छात्रों के आंदोलन में शामिल हुए। इसके अलावा उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय पर भी धरना दिया था। इस मामले को www.up80.online वेबसाइट भी पिछले डेढ़ साल से निरंतर मजबूती से उठाती रही है।
