• About
  • Advertise
  • Contact
Wednesday, September 3, 2025
UP80
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
UP80
No Result
View All Result
Home बिहार

यूपी में एक जाति की ‘तथाकथित नाराजगी’ को हवा क्यों दे रही है मीडिया?

up80.online by up80.online
August 4, 2021
in बिहार, यूपी, राजनीति
0
अजय कुशवाहा

अजय कुमार कुशवाहा, सामाजिक चिंतक

0
SHARES
Share on FacebookShare on TwitterLinkedinWhatsappTelegramEmail

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की जाति के लोगों से भी मीडिया को बात करना चाहिए: कुशवाहा

यूपी80 न्यूज, अजय कुमार कुशवाहा

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही वक्त बाकी है। सभी पार्टियाँ आगामी चुनाव के लिए अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। उत्तर प्रदेश में सत्ता किस ओर जाएगी वैसे तो इसका निर्णय हमेशा से वहां का बहुसंख्यक पिछड़ा और दलित समाज ही करता आया है। लेकिन इस वक्त मीडिया ये बताने की कोशिश कर रहा है कि ‘यूपी में सत्ता की चाबी ब्राह्मण वर्ग के पास है।’

ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे ब्राह्मण ‘जाति’ न होकर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की तरह पूरा एक ‘वर्ग’ हो। मीडिया यूपी की भाजपा सरकार में ब्राह्मण वर्ग की तथाकथित उपेक्षा और तथाकथित नाराजगी को मुद्दा बनाकर उसे ‘चर्चा’ के केंद्र में ले आया है। तथाकथित उपेक्षा इसलिए क्योंकि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सरकार में ब्राह्मण जाति से एक उपमुख्यमंत्री सहित कुल नौ मंत्री हैं। इस भारी-भरकम हिस्सेदारी और अपने कार्यकाल में जमकर ‘सवर्ण तुष्टिकरण’ करने वाली यूपी की योगी सरकार से अगर ब्राह्मण जाति असंतुष्ट है और खुद को उपेक्षित महसूस कर रही है, तो फिर प्रदेश में ब्राह्मण से बड़ा वोटबैंक रखने वाली कई पिछड़ी और दलित जातियां, 2017 में बीजेपी को वोट देकर कितना उपेक्षित और ठगा हुआ महसूस करती होंगी? उनमें कितनी नाराजगी होगी?

दरअसल मीडिया अन्य जातियों …चाहे वे पिछड़ी जातियां हों, दलित हों, आदिवासी हों या फिर मुसलमान या अन्य। इनकी जातियों की संख्या, उनकी राजनीतिक भागीदारी, नाराजगी, राजनीतिक क्षेत्र में उनकी उपेक्षा और उनके हितों पर चर्चा करने से बचता है।

यही मीडिया पिछड़ी, दलित और वंचित जातियों की ‘राजनीतिक गोलबंदी’ पर जातिवाद का आरोप लगाकर अपनी छाती पीटता है। बदनाम करने की कोशिश करता है। ये जातियां जब जातिगत जनगणना की मांग करती हैं तो यही मीडिया यह आरोप लगाता है कि जातियों की जनगणना हुई तो ‘सामाजिक तानाबाना’ बिगड़ जायेगा।

आज उस मीडिया को एक जाति ब्राह्मण के राजनीतिक हितों, तथाकथित उपेक्षा और नाराजगी पर डिबेट आयोजित करने और अख़बारों के पन्नों में जातिगत ख़बरों को लीड कवरेज देने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है।

वैसे हमेशा से ऐसा ही होता रहा है सवर्ण जातियों खासकर ‘ब्राह्मण हितों’ पर चर्चा करने में मीडिया को ‘कंफर्ट’ महसूस होता है और अन्य जातियों पर डिबेट करने, उनको कवरेज देने पर जातिवाद का ‘अपराधबोध’ होने लगता है।

मीडिया जब जाति पर चर्चा करने ही लगी है तो उसे एक जाति विशेष के बजाय उत्तर प्रदेश की तमाम जातियों की नाराजगी और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर चर्चा करनी चाहिए। किसी विश्वकर्मा से, किसी नाई से, किसी पाल, निषाद, मौर्य- कुशवाहा, यादव, कुर्मी, राजभर, लोध, चौहान, कुम्हार, कहार, नाई, मुसलमान और दलित जातियों से भी पूछना चाहिए कि वह बीजेपी की यूपी सरकार के बारे में क्या कह रहा है? सरकार के कामकाज और तौर-तरीकों से क्या वह सन्तुष्ट है? या ब्राह्मण वर्ग की तरह वह भी सरकार में ‘उपेक्षित’ महसूस कर रहा है। इन जातियों की खुशी और नाराजगी के बारे में भी देश-प्रदेश को पता चलना चाहिए।

अगर मीडिया को भाजपा से जातियों की नाराजगी पर चर्चा करनी है तो सबसे पहली चर्चा मीडिया को यूपी सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की जाति पर करनी चाहिए।

क्योंकि 2017 में तो भाजपा ने सरकार बनने पर केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाने का ख्वाब दिखाकर इस बिरादरी के साथ ही पूरे पिछड़े वर्ग के लोगों को ‘ठग’ लिया था। जिस केशव प्रसाद मौर्य के चेहरे पर पिछड़े भाजपा की तरफ गोलबंद हुए उन्हें भाजपा ने डिप्टी सीएम बनाया और उनकी हैसियत सरकार में किसी राज्यमंत्री जितनी ही रह गई। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच सम्बन्ध कैसे रहे हैं यह भी सर्वविदित है। डिप्टी सीएम रहते हुए सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्हें ‘स्टूल’ पर बैठा देने के बाद मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी जाति के लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं या नहीं? हकदार होने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य से मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन जाने की ‘टीस’ उनकी जाति के लोगों के अन्दर है या नहीं है? इन सवालों के जवाब तलाशते हुए मैंने मीडिया को कभी नहीं देखा।

ओमप्रकाश राजभर के सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू न होने और सरकार पर पिछड़े वर्गों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाकर बीजेपी से गठबंधन तोड़ने और सरकार में मंत्री पद छोड़ने के बाद राजभर समाज के मन में क्या चल रहा है? वह बीजेपी के बारे में क्या कह रहा है? किसी राजभर से भी यह सवाल मीडिया को जरूर पूछना चाहिए।

इसी तरह पहले मनोज सिन्हा और बाद में एके शर्मा के मुख्यमंत्री पद की रेस में आने और फिर पिछड़ जाने के बाद भूमिहार क्या बीजेपी के साथ ही रहेगा या वह भी किसी नए ठिकाने की तलाश में है? समाजवादी पार्टी की सरकार में जिस यादव जाति की तूती बोलती है वह योगी आदित्यनाथ के मंत्रीमंडल में एक राज्यमंत्री का पद मिलने से कितना संतुष्ट है?

कभी जो बसपा ‘तिलक तराजू और तलवार….’ का नारा देकर सत्ता में आई उसके कोर वोटर से भी पूछना होगा कि वह बसपा के नए प्रयोग ‘प्रबुद्ध सम्मेलन’ से खुश तो है न?

समाजवादी पार्टी के कोर वोटर से भी मीडिया को पूछना चाहिए कि सरकार में आने के लिए परशुराम की मूर्ति लगवाने की घोषणा से वे असहज तो नहीं न हैं? उन्हें कोई आपत्ति तो नहीं न है?

जबतक सभी जाति समुदाय के लोगों के हितों से जुड़े हुए यह सवाल नहीं पूछे जाएंगे तब तक ‘बैलेंस’ नहीं बनेगा।

दरअसल सपा और बसपा जैसी पार्टियों के उभार के बाद ब्राह्मण उत्तर प्रदेश की राजनीति में ‘ड्राइविंग सीट’ से धीरे-धीरे ‘छोटे सपोर्टिव वोट बैंक’ पर आ गया। और इस वक्त वो उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपने पुराने वर्चस्व और दबदबे को फिर से स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उत्तर प्रदेश में यह जाति फिर से ‘ड्राइविंग सीट’ पर आना चाहती है।

इस संघर्ष में उसे मीडिया का पूरा समर्थन मिल रहा है। क्योंकि मीडिया में आज भी ब्राह्मण जाति का ही एकाधिकार है। जबतक ये एकाधिकार रहेगा तब तक इसी तरह सिर्फ एक जाति के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कभी नाराजगी, कभी उपेक्षा और कभी सम्मान के बहाने निजी लाभ के एजेंडे सेट किये जाते रहेंगे।

(लेखक सामाजिक चिंतक हैं एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (तत्कालीन) में उत्तर प्रदेश के संयोजक रह चुके हैं)

Previous Post

यूपी के दंगल में जदयू, वीआईपी के अलावा हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा भी ठोंकेगी ताल  

Next Post

डिंपल यादव की दहाड़- विकास को ठोकने वाली सरकार को ठोकने का समय आ गया है

up80.online

up80.online

Related Posts

OBC
यूपी

ओबीसी आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय, स्थापित होगा पिछड़ा वर्ग शोध संस्थान

September 2, 2025
दोहरीघाट
यूपी

“हिन्दुस्तान शौर्य सम्मान 2025” से सम्मानित हुए दोहरीघाट थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह

September 1, 2025
UP politics
यूपी

आजमगढ़ में स्कूल बस हादसा, 16 घायल

August 30, 2025
Next Post
Dimpal Yadav

डिंपल यादव की दहाड़- विकास को ठोकने वाली सरकार को ठोकने का समय आ गया है

Ballia

बलिया में एमएलसी चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज, एमएलसी पप्पू सिंह के पुत्र ने बेल्थरा रोड क्षेत्र का किया दौरा

Homeless

16 अगस्त से खुलेंगे विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेज, गाइडलाइन जारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

देवा

देवा में पेड़ से अचानक होने लगी बारिश

5 days ago
UP politics

फतेहपुर में तीन बुजुर्गो पर धारदार हथियार से हमला, केशपाल पटेल की मौत

6 days ago
दोहरीघाट

“हिन्दुस्तान शौर्य सम्मान 2025” से सम्मानित हुए दोहरीघाट थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह

2 days ago
OBC

ओबीसी आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय, स्थापित होगा पिछड़ा वर्ग शोध संस्थान

1 day ago

Categories

  • अखिलेश यादव
  • अन्य राज्य
  • तेजस्वी यादव
  • दिल्ली
  • देश
  • बड़ी खबर
  • बिहार
  • यूपी
  • यूपी विधानसभा चुनाव
  • राजद
  • राजनीति
  • विदेश
  • सपा

Topics

Akhilesh Yadav Anupriya Patel Apna Dal (S) Azamgarh Ballia Belthra Road bihar bjp BSP Congress death farmers Mirzapur Samajwadi Party Sonbhadra Uttar Pradesh Varanasi yogi govt अखिलेश यादव अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश ओबीसी कांग्रेस किसान किसान आंदोलन केशव प्रसाद मौर्य कोरोना नीतीश कुमार पंचायत चुनाव बलिया बसपा बिहार बीजेपी बेल्थरा रोड भाजपा मायावती मिर्जापुर योगी सरकार वाराणसी सपा समाजवादी पार्टी सीएम योगी सोनभद्र

Highlights

यूपी के 121 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस

JEE और NEET की तैयारी: सफलता की स्मार्ट रणनीति

कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज हो एफआईआर, कुर्मि क्षत्रिय सभा ने एसपी को लिखा पत्र

सलेमपुर के पास ओवरहेड तार टूटने से ट्रेनों की रफ्तार थमी

देश में बढ़ रही है गरीबों की संख्या, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जताई चिंता

 “जातिगत जनगणना से उजागर होगी देश की सच्ची तस्वीर” – अनुप्रिया पटेल

Trending

OBC
यूपी

ओबीसी आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय, स्थापित होगा पिछड़ा वर्ग शोध संस्थान

by up80.online
September 2, 2025
0

अलग से बनेगा पिछड़ा वर्ग आयोग भवन, प्रतियोगी छात्रों के लिए हुआ यह फैसला यूपी80 न्यूज, लखन...

दोहरीघाट

“हिन्दुस्तान शौर्य सम्मान 2025” से सम्मानित हुए दोहरीघाट थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह

September 1, 2025
UP politics

आजमगढ़ में स्कूल बस हादसा, 16 घायल

August 30, 2025
देवा

देवा में पेड़ से अचानक होने लगी बारिश

August 29, 2025
UP politics

फतेहपुर में तीन बुजुर्गो पर धारदार हथियार से हमला, केशपाल पटेल की मौत

August 27, 2025

About Us

लोकतांत्रिक देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। मीडिया का मुख्य कार्य जनसरोकार से जुड़ी खबरों को आम जनता तक पहुंचाना है, ताकि आम जनता उन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके। इसके अलावा सरकार की किसी भी योजना का आम जनता को कितना लाभ मिल रहा है, उसके जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं का निराकरण कैसे करते हैं। लोकतंत्रिक देश में जनप्रतिनिधि अपनी जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं। ये सभी जानकारी आपको www.up80.online पर मिलेंगी।

Follow us on social media:

Trending

ओबीसी आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय, स्थापित होगा पिछड़ा वर्ग शोध संस्थान

“हिन्दुस्तान शौर्य सम्मान 2025” से सम्मानित हुए दोहरीघाट थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह

आजमगढ़ में स्कूल बस हादसा, 16 घायल

देवा में पेड़ से अचानक होने लगी बारिश

फतेहपुर में तीन बुजुर्गो पर धारदार हथियार से हमला, केशपाल पटेल की मौत

प्राकृतिक आपदा से प्रभावित, कुष्ठरोगी, दिव्यांगजन को प्राथमिकता के आधार पर आवास

Others Links

  • Contact
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • About
  • Advertise
  • Contact

Copyright © 2019 up80.online

error: Content is protected !!
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राजनीति
  • विदेश
  • बिहार
  • यूपी
  • वीडियो
  • दिल्ली

Copyright © 2019 up80.online