यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, जिन्हें उनकी ईमानदारी एवं स्वच्छ छबि के लिए जाना जाता है। सुलखान सिंह की साफ-सुथरी छवि की वजह से 2017 में सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था चुस्त करने के लिए उन्हें यूपी का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया। सेवानिवृत्ति के बाद जब उन्होंने एक आम नागरिक के तौर पर अपने मुहल्ले में किए गए अतिक्रमण व पड़ोसी की शिकायत को लेकर एलडीए के अधिकारी को फोन किया तो उस अधिकारी ने उनका मजाक उड़ाया।
सुलखान सिंह जी की आपबीती को खुद उनके लेख से समझ सकते हैं-
“गोमतीनगर विस्तार जो अच्छे नियोजन के उपरांत बनाया गया था, अब अराजकता का क्षेत्र होता जा रहा है। लोग सड़क पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कर लिये हैं। यहां ये अपने जानवर और कुत्ते बांधते हैं। कुछ लोग इन्हीं अतिक्रमण में अपने नौकरों को रखते हैं।
दो महाशय तो ऐसे हैं, जो एक बड़ा कुत्ता सड़क पर बांध रखे हैं और एक छोटा कुत्ता खुला रखते हैं। एक बार एक कुत्ते ने मेरे ऊपर हमला कर दिया। मैंने डंडा मारकर अपने को बचाया। वहीं मौजूद मकान मालिक से मैंने शिकायत की कि उनका कुत्ता मेरे ऊपर दो बार हमला कर चुका है और उन्हें इसे बांधकर रखना चाहिए। इस पर वह व्यक्ति मुझसे बदतमीजी करने लगा। मैं चुपचाप अपनी इज्जत बचाकर घर चला आया। इस व्यक्ति ने भाजपा का झंडा लगा रखा है। इसके घर पर एक गाड़ी खड़ी रहती है, जिस पर भाजपा का झंडा लगा रहता है और पुलिस लिखा है।
एक और इसी तरह सड़क पर कुत्ते बांधने वाले महाशय ने भाजपा का झंडा लगा रखा है। इनके कुत्ते भी हमलावर रहते हैं।
मैंने उन सड़कों से गुजरना बन्द कर दिया है। मैंने इस विषय में उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण से टेलीफोन पर शिकायत की तो उनका रवैया अत्यंत निराशाजनक रहा। मेरी बात सुनकर लगभग हंसते हुए उन्होंने इस अंदाज में बात की कि जैसे मैं फिजूल में उनका समय बरबाद कर रहा हूं। कहने की आवश्यकता नहीं है कि उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
मैंने पुलिस आयुक्त लखनऊ से भी शिकायत की। इस पर स्थानीय थाने से दो उपनिरीक्षक आये थे। मुझसे बात करके चले गए, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
गोमती नगर विस्तार में अनेक व्यावसायिक परिसर अवैध रूप से बन रहे हैं। खुलेआम व्यावसायिक विद्युत कनेक्शन ले रहे हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण सिर्फ धन वसूली में व्यस्त है। बुलडोजर शायद गरीबों की झोपड़ी उजाड़ने के लिए हैं!
अधिकारियों को शायद इंतजार है कि ये कुत्ते किसी को मार डालें। तब सरकार ट्विटर पर खेद जतायेगी और यदि अखबार टेलीविजन पर शोर मचा तो कुछ आर्थिक सहायता दे देगी।
बड़ी उम्मीद से लखनऊ में बसे थे कि बढ़ती उम्र में सुविधाजनक और सुरक्षित जगह है पर अब तो असहनीय हो रहा है। क्या करें? कहीं जा भी तो नहीं सकते।“
पढ़ते रहिए www.up80.online मऊ की इस बेटी की प्रतिभा से प्रभावित हुए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा