तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी से जुड़ा है बहुचर्चित सीतापुर कांड
लखनऊ, 23 सितंबर
उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग के दौरान ‘बहुचर्चित सीतापुर कांड’ की जानकारी दी जाएगी। पुलिस अफसरों के ट्रेनिंग पाठ्यक्रम में इस घटना को शामिल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी की सूझबूझ से सीतापुर कांड को सुलझाया गया था।
आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी फिलहाल सोनभद्र के एसपी हैं। उभ्भा कांड के बाद प्रभाकर चौधरी को सोनभद्र भेजा गया। वैसे तो प्रभाकर चौधरी की उपलब्धियों की सूची काफी लंबी है। लेकिन सीतापुर कांड की गुत्थी को जिस तरह से प्रभाकर चौधरी ने सुलझाया, वह पुलिस अधिकारियों के लिए न केवल एक नजीर साबित हुई, बल्कि हर अधिकारी को भीड़ प्रबंधन एवं किसी घटना के दौरान बेकाबू भीड़ को कैसे निपटा जाए की जानकारी भी मिलेगी।
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सीतापुर कांड:
लखनऊ से सटे सीतापुर जिला में सीतापुर क्लब पर कब्जे को लेकर 31 अक्टूबर 2018 को वकीलों और प्रशासन के बीच झड़प हुई थी। प्रशासन इस क्लब को गिराना चाहता था। वकीलों ने इसका जबरदस्त विरोध किया था। पुलिस ने इस मामले में क्लब के अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता और उनके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी से नाराज बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश त्रिपाठी एवं उनके सहयोगियों ने कोतवाली पहुंचकर क्लब अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता और उनके सहयोगी को छुड़ा लिया। इसके अलावा वकीलों ने जज के चैंबर में आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी सहित पुलिस अधिकारियों के साथ बदसलूकी की। इस घटना की वीडियो वायरल हुई थी। तत्पश्चात प्रभाकर चौधरी के नेतृत्व में पुलिस ने कई वकीलों को गिरफ्तार किया। इस मामले में हाईकोर्ट ने वकीलों के प्रदर्शन पर रोक लगा दिया था।
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